चिकित्सा विभाग ने निजी अस्पतालों के लिए जारी की एडवाइजरी
चिकित्सा विभाग ने निजी अस्पतालों के लिए जारी की एडवाइजरी
छोटा अखबार।
कोरोना के बचाव और नियंत्रण के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने निजी अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों के लिए एजवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी के अनुसार सभी अस्पतालों को इंडोर, आउटडोर, प्रशासन और प्रचार-प्रसार से जुडे कुछ विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
निजी अस्पतालों में इंडोर फैसेलिटी के लिए
1.अति आवश्यक सर्जरी के अलावा सामान्य सर्जरी टाली जाए।
2.अस्पतालों में कुछ बैड को आइसोलन के हिसाब से तैयार रखा जाए, ताकि जरूरत पडने
पर उनका उपयोग किया जा सके।
3.सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में मास्क,ग्लव्ज, पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट व अन्य
सामग्री रखी जाए।
4.सभी चिकित्साकर्मियों को संक्रमण बचाव और संक्रमण नियंत्रण का प्रशिक्षण दिया जाए
किसी भी आपातकाल के लिए स्टाफ को पर्याप्त प्रशिक्षण दिया जाए।
5.सभी अस्पताल पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटर और हाई फ्लो ऑक्सीजन मास्क तैयार रखें।
आईईसी एक्टिविटी के लिए
1. कोरोना वायरस से लड़ने और उसके लक्षणों को पहचानने संबंधी पोस्टर्स का प्रदर्शन करें।
2. अस्पताल में आने वाले मरीज को खांसी, जुकाम, बुखार के दौरान ‘करें‘ ‘ना करें‘ (डू
एंड डॉन्ट डू) के बारे में, मास्क के सही उपयोग, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि के बारे में
प्रदर्शित करने वाले पोस्टर चिपकाए जाएं।
प्रशासनिक स्तर पर
1.सभी अस्पताल हैल्थ मिनिस्ट्री की वेबसाइट के अनुसार 22 मार्च को तैयारियों का अभ्यास
कर लें।
2.उपचार के दौरान कोरोना से संक्रमित हो चुके हो चुके मरीजों का सभी अस्पताल निशुल्क
उपचार करें।
3.किसी भी सदिंग्ध या पॉजीटिव मरीज को अस्पताल से ना जाने दें। साथ ही उसके बारे में
यही नहीं उसे एनसीडीसी या आईडीएसपी को भी सूचित करें।
4.न्यूमोनिया से पीड़ित मरीजों के बारे में एनसीडीसी या आईडीएसपी को सूचित करें ताकि
उनकी भी कोरोना जांच करवाई जा सके।
5.सभी अस्पताल भीडभाड से बचने का प्रयास करें। श्सोशल डिस्टेसिंग को अपने परिसर में
सुनिश्चित रखें।
6.चिकित्सा संस्थान सभी तरह की परीक्षाओं को स्थगित रखें।
7.अस्पताल हैल्प लाइन नंबर और ईमेल नंबर को भी प्रदर्शित करें ताकि स्टूडेंट्स प्रशासन से
संपर्क में बना रहे।
ओपीडी के लिए
1. सभी मरीजों को सलाह दी जाती है कि सामान्य स्थिति में ओपीडी में डॉक्टर को दिखाना
स्थगित करें।
2. ओपीडी में ज्यादा लोग एक साथ ना रहें।
3. जो मरीज क्रोनिक डिजीज से पीडित हैं उन्हें सलाह दी जाती है कि वे भीडभाड में जाने
से बचें।
4. सभी अस्पताल अपने फार्मेसी काउंटरों पर क्यू मैनेजमेंट बनाए रखें। इसके लिए रेड क्रास
और एनडीआरएफ के स्वयंसेवकों की मदद ली जा सकती है।
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