आरएसएस मुख्यालय के बाहर तस्वीरें खींचने पर 24 घंटे तक पूछताछ
आरएसएस मुख्यालय के बाहर तस्वीरें खींचने पर 24 घंटे तक पूछताछ
छोटा अखबार।
महाराष्ट्र में दो फिल्मकारों को सेल्फी लेना भारी पड़ गया। घटना रायपुर अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्मोत्सव के लिए जूरी सदस्यों के तौर पर आमंत्रित बेंगलुरू के दो फिल्मकारों निकी निर्विकल्प और फलाह फैजल के साथ घटी। ये लोग वापस लौटने से पहले कुछ घंटों के लिए नागपुर में थे।
नागपुर में घटी घटना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय के बाहर सेल्फी लेने पर दो फिल्मकारों को कथित रूप से गैरकानूनी तरीके से पुलिस हिरासत में लिया गया और उनसे लगभग 24 घंटे तक पूछताछ की गई।
समाचार सूत्रों के अनुसार निर्विकल्प का कहना है कि हम नागपुर में ही थे और हमारे पास कुछ समय था। हमने शहर के आसपास घूमने का फैसला किया। जब हमने आरएसएस का मुख्यालय देखा, जो कि हमने पहली बार देखा था। हम सिर्फ इसे देख रहे थे कि तभी हमने कुछ देर रुककर तस्वीरें लेने की सोची। इसके कुछ ही देर बाद दोनों को पुलिस ने पकड़ लिया और नागपुर के कोतवाली पुलिस थाने ले आई। हमसे 30 से अधिक पुलिसकर्मियों ने पूछताछ की, जिसमें कुछ स्थानीय पुलिस, राज्य की आतंकरोधी स्क्वैड और खुफिया ब्यूरो के सदस्य शामिल थे।
वहीं कोतवाली थाना प्रभारी ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि दोनों को पांच मार्च की शाम को लाया गया और अगले दिन शाम को इन्हें रिहा किया गया।
निर्विकल्प का कहना है कि एक गैरसरकारी संस्था के बाहर सिर्फ फोटो खींचने का इस तरह से खामियाजा भुगतना पड़ेगा, कभी नहीं सोचा था। पुलिस की इस तरह की कार्रवाई की कौन कल्पना कर सकता है।
जानकारी के लिये बता दें कि 2006 में कथित आतंकी हमले के प्रयास के बाद से आरएसएस मुख्यालय को अतिसंवेदनशील क्षेत्र की श्रेणी में रखा गया है और यहां पर किसी भी तरह की वीडियोग्राफी करना मना है
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