आमजन के लिए ऎसा प्रबंध हो कि राजस्थान मिसाल बने -मुख्यमंत्री
आमजन के लिए ऎसा प्रबंध हो कि राजस्थान मिसाल बने -मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि कोरोना संक्रमण रोकने के लिए पूरे प्रदेश में लॉकडाउन का सख्ती से पालन किया जाए। साथ ही, सभी जरूरतमंदाें और आम लोगों तक आवश्यक सामग्री की आपूर्ति का ऎसा प्रबंध सुनिश्चित करें कि राजस्थान देश में एक मिसाल बने। उन्होंने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में किसी भी व्यक्ति को भोजन की कमी नहीं होने देने के राज्य सरकार के संकल्प में सभी लोगों को भागीदारी निभाने का आह्वान किया।
गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान राज्य सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की अनुपालना के लिए अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह श्री राजीव स्वरूप की अध्यक्षता में गठित कोर ग्रुप के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस कर रहे थे।
लोग संक्रमण की गंभीरता को समझें, घरों में रहें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लोग इस बात को समझें कि कोरोना एक खतरनाक संक्रमण है और केवल घरों में रहकर सामाजिक दूरी बनाकर ही इस संक्रमण को रोका जा सकता है। अब तक राजस्थान में 43 लोग इस बीमारी से पीड़ित हो चुके हैं। लाखों लोगों की जिंदगी को संक्रमण और इससे संभावित जीवन की हानि से बचाने के लिए ही लॉकडाउन किया गया है। उन्होंने कहा कि इसकी पूरी तरह से पालना नहीं होने पर प्रदेश की बड़ी जनसंख्या को घातक बीमारी से संक्रमित होने से रोकने का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाएगा। इसलिए उन्होंने अधिकारियों को आवश्यकता होने पर सख्ती करने के निर्देश दिए।
संकटकाल में लोगों की भूख मिटाने में भागीदार बनें।
गहलोत ने कहा कि हर परिवार को स्वेच्छा से दो व्यक्तियों का अतिरिक्त खाना बनाकर उपलब्ध कराना चाहिए। ऎसा करके हम इस संकटकाल में लाखों लोगों की भूख मिटाने में भागीदार बन सकते हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार भी लॉकडाउन के दौरान गांवों में हर घर तक राशन और भोजन सामग्री पहुंचाने के लिए समुचित व्यवस्था करने की जिम्मेदारी को बखूबी निभाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि शहरी क्षेत्रों में भी बेघरों, मजदूरों, थड़ी-ठेले पर सामान बेचने वालों और निराश्रितों को भोजन सामग्री या खाना मिलने में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए, ताकि आमजन को इन वस्तुओं के लिए अपने घर से नहीं निकलना पड़े।
एक-दो दिन में पूरी तैयारी कर व्यवस्था सुचारू करें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि रसद विभाग के अधिकारियों, स्थानीय राशन तथा घरेलू सामग्री विक्रेताओं और होम डिलीवरी सेवाऎं देने वाली कम्पनियों के साथ समन्वय कर सभी आवश्यक वस्तुओं की सुरक्षित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था सुचारू रूप से स्थापित करने के लिए एक-दो दिन का समय लग सकता है, जिसके लिए पूरी तैयारी की जाए और यदि आवश्यकता हो, तो इससे जुडे़ लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाए।
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