राजस्थान नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2020 पारित
राजस्थान नगरपालिका संशोधन विधेयक, 2020 पारित
छोटा अखबार।
राज्य विधानसभा ने बुधवार को विधानसभा में राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2020 ध्वनिमत से पारित कर दिया हैै।
स्वायत्त शासन मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने सदन में विधेयक प्रस्तुत किया। संशोधन विधेयक चर्चा के पश्चात् इसे लाने के उद्देश्यों एवं कारणों को स्पष्ट करते हुए बताया कि राजस्थान नगरपालिका (संशोधन) विधेयक, 2009 की तीन धाराओं में संशोधन राज्य निर्वाचन आयोग की पहल पर आयोग की शक्ति को मजबूत करने के लिए किया गया है। धारा 23 में ध्वनि विस्तारकों आदि के उपयोग पर निर्बंधनों के उल्लंघन पर जुर्माने को दो हजार से बढ़ाकर पांच हजार रुपए किया गया है। धारा 28 में किसी उम्मीदवार या उसके प्रस्तावक की ओर से नाम निर्देशन पत्र या शपथ पत्र इत्यादि में कोई मिथ्या सूचना देने या कोई सूचना छिपाने को दंडनीय अपराध बनाया गया है। धारा 31 में संशोधन कर किसी सदस्य के निर्वाचन के विरूद्ध निर्वाचन याचिका फाइल करने को स्पष्ट किया गया है। किसी सदस्य के विरूद्ध निर्वाचन याचिका किसी उम्मीदवार या निर्वाचक की ओर से फाइल की जा सकेगी।
धारीवाल ने बताया कि जोनल डवलपमेंट प्लान के संबंध में जोधपुर हाई कोर्ट ने निर्णय दिया था कि पहले जोनल प्लान बनाएं और उसके बाद मास्टर प्लान बनाएं। उन्होंने कहा कि एक लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों में जोनल प्लाना बनाना जरूरी है। इससे कम जनसंख्या वाले नगरों में यह अनिवार्य नहीं है। आवश्यकता होने पर स्वयं स्थानीय निकाय जोनल प्लान बना सकता है। राजस्थान नगरपालिका एक्ट-1959 की धारा 171 में राज्य सरकार को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने का अधिकार था, जो 2009 तक लागू रहा। नगरपालिका एक्ट में 2009 में किए गए संशोधन में इस धारा को शामिल नहीं किया जा सका था। नए अधिनियम की धारा 194ए में राज्य सरकार को नगरीय निकायों के किसी क्षेत्र विशेष को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने का अधिकार मिल जाएगा। इससे पर्यटन एवं हेरिटेज जैसे महत्व को देखते हुए किसी शहर के क्षेत्र विशेष को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जा सकेगा। हाल ही में यूनेस्को ने जयपुर शहर को वल्र्ड हेरिटेज साइट घोषित करते समय परकोटे क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित करने को कहा था। अब जयपुर शहर के परकोटे क्षेत्र को नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित किया जाएगा।
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