राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा, सदन में लगे जय श्री राम के नारे
राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा, सदन में लगे जय श्री राम के नारे
छोटा अखबार।
सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार केंद्रीय कैबिनेट ने राम मंदिर ट्रस्ट बनाने को मंजूरी दे दी है ।इस की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में की। जिसके बाद सांसदों ने सदन में जय श्री राम के नारे लगाए। मोदी ने सदन को बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई और यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा। सरकार ने अयोध्या कानून के तहत अधिग्रहीत भूमि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र को हस्तांतरित करने का फैसला किया है। उच्चतम न्यायालय के फैसले के सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन देने के संबंध में उत्तर प्रदेश सरकार से आग्रह किया गया था और उत्तर प्रदेश सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है।
मंत्रिमंडल की बैठक में न्यायालय के आदेशों को ध्यान में रखते हुए महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। भगवान राम के मंदिर के निर्माण और अन्य विषयों के लिए एक वृहद योजना तैयार की गयी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया। प्रधानमंत्री ने सदन में कहा कि भारत की प्राणवायु में, आदर्शों में, मर्यादाओं में भगवान श्रीराम और अयोध्या की ऐतिहासिकता से हम सभी परिचित हैं। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण वर्तमान और भविष्य में रामलला के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या और श्रद्धा को ध्यान में रखते हुए एक और फैसला किया गया है। कानून के तहत 67.07 एकड़ जमीन ट्रस्ट को हस्तांतरित की जाएगी, जिसमें भीतरी और बाहरी आंगन भी शामिल है। रामलला विराजमान की जमीन भी ट्रस्ट को मिलेगी। यह ट्रस्ट ही भव्य और दिव्य राम मंदिर निर्माण पर फैसला लेगा। यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिए पूर्ण रूप से स्वतंत्र होगा।
मोदी ने सभी दलों से समर्थन की अपील करते हुए कहा कि आइए, इस ऐतिहासिक क्षण में हम सभी सदस्य मिलकर अयोध्या में श्रीराम धाम के जीर्णोद्धार के लिए, भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए, एक स्वर में अपना समर्थन दें।’
बतादें कि नौ नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि जमीन विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए विवादित जमीन पर मुस्लिम पक्ष का दावा ख़ारिज करते हुए हिंदू पक्ष को जमीन देने को कहा। एक सदी से अधिक पुराने इस मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामजन्मभूमि न्यास को 2.77 एकड़ ज़मीन का मालिकाना हक़ मिलेगा। वहीं, सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या में ही पांच एकड़ ज़मीन दी जाएगी। मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार को तीन महीने के अंदर ट्रस्ट बनाना होगा और इस ट्रस्ट में निर्मोही अखाड़ा का एक सदस्य शामिल होगा। न्यायालय ने कहा कि विवादित 2.77 एकड़ जमीन अब केंद्र सरकार के रिसीवर के पास रहेगी, जो इसे सरकार द्वारा बनाए जाने वाले ट्रस्ट को सौंपेंगे। ट्रस्ट में 15 न्यासी होंगे और एक न्यासी हमेशा दलित समाज से होगा। यह जानकारी गृह मंत्री शाह ने अपने ट्वीट दी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को अयोध्या से 22 किमी दूर जमीन दी। मंदिर ट्रस्ट को मंजूरी मिलने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने सुन्नी वक़्फ़ बोर्ड को दी जाने वाली पांच एकड़ जमीन आवंटित कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक के बाद प्रदेश के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीडिया को बताया कि अयोध्या मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम धन्नीपुर, तहसील सोहावल रौनाही थाने के 200 मीटर के पीछे पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को देने के लिए मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी। यह जमीन लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर अयोध्या से करीब 22 किलोमीटर पहले है।
समाचार सूत्रों के अनुसार यह जमीन अयोध्या से करीब 22 किमी दूर रौनाही में है। रौनाही मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जो अयोध्या के मुख्य मंदिर क्षेत्र के दायरे में नहीं आता।
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