नेशनल लोक अदालत का शुभारंम्भ
नेशनल लोक अदालत का शुभारंम्भ
छोटा अखबार।
नेशनल लोक अदालत का शुभारंम्भ कार्यक्रम कॉफ्रेन्स हाल राजस्थान उच्च न्यायालय परिसर में न्यायाधिपति संगीत लोढा ने प्रारंम्भ किया। राजस्थान के 35 न्यायिक जिलों में प्रकरणों की संख्या के हिसाब से बैंन्चों का गठन किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय, जयपुर में 03 बैंच व राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में 04 बैंच बनाई गई। जयपुर व जोधपुर उच्च न्यायालय में लंम्बित प्रकरणों व प्रि लिटीगेशन के प्रकरणों के लिए न्यायाधिपतिगण एवं पूर्व न्यायाधिपतिगण की अध्यक्षता में बैंच बनाई गई है, जिसमें सदस्य के रूप में सेवानिवृृत्त जिला न्यायाधीश एवं अधिवक्ता को नियुक्त किया गया।
राज्य भर में जो प्रकरण राष्ट्रीय लोक अदालत के 815 बैंचों को जो मामले समक्ष रैफर किये गये हैं, उनमें 1,55,695 प्रकरण लंम्बित प्रकरण थे, जबकि 1,03,846 प्रकरण प्रि-लिटिगेशन के थे। इस प्रकार कुल 2,59,541 प्रकरण बैंचों के समक्ष नियत किये गये।
उक्त नेशनल लोक अदालतों में राजीनामा योग्य सभी प्रकृति के प्रकरण दीवानी, राजस्व, श्रम, मोटर वाहन दुर्घटना दावा, पारिवारिक मामले , बैंक बीमा कम्पनी, व रोडवेज सम्बंधित प्रकरणों को अधिकाधिक संख्या में जरिये राजीनामा निस्तारित किये जाने का प्रयास किया गया जिसके तहत प्रदेश में कुल 46839 प्रकरणों का निस्तारण किया गया व पीडित पक्ष को कुल 2899019927 रूपये का अवार्ड पारित किया गया । उक्त नेशनल लोक अदालत में प्रि लिटीगेशन की स्टेज पर (न्यायालय में मुकदमा दायर करने से पूर्व) के विवादों को भी रखा गया था जिनमें राजीनामा के माध्यम से कुल 9257 प्रकरणों का निस्तारण किया गया ।
राजस्थान उच्च न्यायालय में लंम्बित विभिन्न प्रकृृति के प्रकरणों का निस्तारण नियमित बैंन्चों के द्वारा राजीनामा की भावना से किया गया जिसमें माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय ,मुख्य पीठ जोधपुर द्वारा 157 प्रकरणों का व माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर बैंन्च, जयपुर द्वारा 334 प्रकरणों का निस्तारण राजीनामा की भावना से किया गया ।
उक्त नेशनल लोक अदालत का आयोजन विधिक सेवा कार्यक्रमों की क्रियान्विति के तहत ही किया जाता है तथा इलेक्ट्रोनिक एवं प्रिन्ट मीडिया ही उपरोक्त विधिक सेवा कार्यक्रमों को आम जनता के हितार्थ पहुॅंचाने का सरल एवं शीघ्र माध्यम है। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से मुकदमे का निस्तारण होने से हमेशा हमेशा के लिये अंत हो जाता है क्योंकि आगे कोई अपील का प्रावधान नहीं है तथा लोक अदालत के माध्यम से प्रकरण का निस्तारण कराने पर कोर्ट फीस भी वापिस मिल जाती है। नेशनल लोक अदालत में प्रकरण निस्तारण कराने से अनावश्यक मुकदमेबाजी समाप्त होगी व समाज में शांति एवं सदाचरण का माहौल कायम होगा।
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