किसान और पशुपालक राज्य बजट का अहम हिस्सा - मुख्यमंत्री
किसान और पशुपालक राज्य बजट का अहम हिस्सा - मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसान और पशुपालक राज्य के बजट का अहम हिस्सा हैं। उनका प्रदेश की जीडीपी और अर्थव्यवस्था में महत्त्वपूर्ण योगदान है। हमारी सरकार किसानों की खुशहाली के लिए पूरी तरह समर्पित है। आगामी बजट में भी हमारा प्रयास रहेगा कि आपकी आकांक्षाओं और उम्मीदों पर हम खरा उतर सकें। इसके लिए आपके सुझाव अमूल्य होंगे जिनसे न केवल आपकी समस्याओं का समाधान होगा बल्कि प्रदेश की समृद्धि भी बढ़ सकेगी।
गहलोत सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ एवं जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सरकार को यह अहसास है कि विभिन्न कल्याणकारी योजनाएं और कार्यक्रम चलाने के बाद भी किसानों के स्तर में आशानुरूप सुधार के लिए अभी भी काफी संभावनाएं हैं। हम तमाम चुनौतियों के बावजूद इस दिशा में सतत प्रयासरत हैं कि किसान और पशुपालक आत्मनिर्भर बन सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान की विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं प्राकृतिक आपदाओं के बीच भी यहां का किसान पूरी मेहनत के साथ अन्न उपजाता है और प्रदेश के विकास में अपना योगदान देता है। सरकार उनकी समस्याओं से वाकिफ है और लगातार उन्हें राहत देने के लिए कदम उठा रही है। हमारा पूरा प्रयास है कि किसानों को उनकी फसल का उचित दाम मिले। उन्हें अच्छी गुणवत्ता का खाद, बीज और कीटनाशक समय पर उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि किसान नवीन तकनीकों और नवाचारों को अपनाकर उन्नत कृषि की ओर आगे बढ़ें।
बैठक में किसानों ने कर्जमाफी, पारदर्शी, न्यायसंगत एवं आधार प्रमाणित व्यवस्था से फसली ऋण वितरण करने, न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद का भुगतान समय पर करने, राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019 लागू करने तथा किसानों के कल्याण के लिए एक हजार करोड़ रूपए के किसान कल्याण कोष की स्थापना करने पर मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। उन्होंने एक स्वर में कहा कि विपरीत आर्थिक हालातों के बावजूद विगत एक वर्ष में किसान कल्याण की दिशा में राज्य सरकार ने अभूतपूर्व कदम उठाए हैं।
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