राज्य में बचत एवं निवेश फ्रॉड कन्ट्रोल यूनिट का होगा गठन — मुख्यमंत्री

राज्य में बचत एवं निवेश फ्रॉड कन्ट्रोल यूनिट का होगा गठन — मुख्यमंत्री


छोटा अख्बार।
शुक्रवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में रेंज प्रभारी अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों की समीक्षा बैठक को संबोधित करते मुख्यमंत्री अशोंक गहलोत ने कहा कि राजस्थान पुलिस अपराध नियंत्रण के लिए आधुनिक तकनीक एवं संसाधनों के बेहतर उपयोग के लिए खुद को तैयार करे। पुलिसकर्मियों में संवेदनशीलता के साथ ही प्रोफेशनल एप्रोच विकसित हो। सरकार पुलिस के सुदृढ़ीकरण एवं उन्हें संसाधन मुहैया कराने में कोई कमी नहीं रखेगी। एडीजी स्तर के अधिकारियों को रेंज की मॉनीटरिंग का जिम्मा सौंपने के पीछे हमारा उद्देश्य है कि कानून-व्यवस्था की बेहतर निगरानी हो। जमीनी स्तर का वास्तविक फीडबैक सरकार तक पहुंच सके। 



मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत दिनों मल्टी स्टेट कॉपरेटिव सोसायटीज के माध्यम से लोगों की बचत हड़पने तथा उनके साथ धोखाधड़ी करने के मामलों को गंभीरता से लिया। उन्होंने ऎसे मामलों में त्वरित कार्रवाई के लिए ‘बचत एवं निवेश फ्रॉड कन्ट्रोल यूनिट‘ गठित करने के निर्देश दिए। यह यूनिट एसओजी के पर्यवेक्षण में काम करेगी। शराब, भूमि, खनन, ड्रग सहित विभिन्न प्रकार के माफिया के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें, जिससे आमजन में पुलिस के प्रति सकारात्मक संदेश जाए। जिलों में संगठित अपराधों की रोकथाम तथा माफिया पर लगाम कसने के लिए गठित जिला विशेष टीम (डीएसटी) में शामिल पुलिसकर्मियों को विशेष रूप से प्रशिक्षित किया जाए। साथ ही उन्हें जरूरी संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
गहलोत नेयह भी कहा कि रिफाइनरी, तेल एवं गैस के उत्खनन, सोलर एवं विंड एनर्जी परियोजनाओं के कारण पश्चिमी राजस्थान में आर्थिक गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। इसके चलते वहां कई तरह के अपराध एवं माफिया पनपने लगे हैं। इन पर शुरूआती स्तर पर ही लगाम कसी जाए। इसके लिए पुलिस अधिकारी एक कार्ययोजना बनाएं ताकि इस क्षेत्र में होने वाले निवेश एवं उद्योगों पर विपरीत असर नहीं पड़े। समाचार पत्र-पत्रिकाओं एवं टीवी चैनलों में चमत्कारिक दवाओं के भ्रामक विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कानूनी प्रावधानों के अनुरूप कार्यवाही करने तथा आमजन को इस संबंध में जागरूक करने के निर्देश दिए। उन्होंने मैरिज गार्डनों में रात्रि दस बजे बाद डीजे के उपयोग पर प्रतिबंध के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की कडाई से पालना सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने दक्षिणी राजस्थान से जुड़े जिलों में बच्चों की तस्करी पर रोक लगाने के लिए प्रभावी कार्रवाई करने तथा वहां के बच्चों को शिक्षा एवं कौशल विकास कार्यक्रमों से जोड़ने पर बल दिया।


 


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