किसान के लिये राज किसान साथी पोर्टल की तैयारी
किसान के लिये राज किसान साथी पोर्टल की तैयारी
छोटाअखबार।
कृषि मंत्री लालचन्द कटारिया ने गुरुवार को यहां पंत कृषि भवन में ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिंग’ के तहत ’राज किसान साथी’ पोर्टल विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का उद्घाटन किया। इस एकीकृत पोर्टल के माध्यम से काश्तकारों को सभी योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर ऑनलाइन मिल सकेगा।
कृषि एवं सहकारिता विभाग के प्रमुख शासन सचिव नरेश पाल गंगवार ने बताया कि किसानों की सुविधा के लिए कृषि व इससे संबंधित विभागों की अनुदान योजनाओं में आवेदन प्रक्रिया की समीक्षा कर सरलीकरण किया जा रहा है। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार विभाग के सहयोग से विकसित ’राज किसान साथी’ पोर्टल के जरिये आवेदन से लेकर किसान के खाते में अनुदान के भुगतान तक की प्रक्रिया अब सम्पूर्ण रूप से ऑनलाइन ही होगी। ऑनलाइन आवेदन के बाद भुगतान तक की स्थिति से किसानों को अवगत करवाने के लिए समय-समय पर उनको मोबाइल मैसेज भी भेजे जाएंगे। इससे अनुदान प्रक्रिया में पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने बताया कि यह एकीकृत पोर्टल होगा जिसमें कृषि, उद्यान, कृषि विपणन, सहकारिता, पशुपालन, मत्स्य पालन विभाग, बीज निगम व जैविक प्रमाणीकरण संस्था को शामिल किया गया है। इसी पोर्टल के जरिए किसानों को उन्नत कृषि तकनीक की जानकारी व विशेषज्ञों की ओर से समसामयिक सलाह भी दी जाएगी। इसी के तहत किसानों के लिए मोबाइल एप भी विकसित किए जाएंगे जिनके द्वारा मोबाइल पर ही किसानों को घर बैठे कृषि योजनाओं, उन्नत तकनीक, बीज उत्पादन, जैविक खेती, मंडी भाव और किराए पर कृषि यंत्र लेने जैसी सुविधाओं की जानकारी मिल सकेंगी। बजट घोषणा के साथ ही इसकी क्रियान्विति की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। शुरूआती रूप से उर्वरकों की गुणवत्ता जांच के लिए सॉफ्टवेयर विकसित कर अधिकारियों को प्रशिक्षण भी दे दिया गया है। अब उर्वरक डीलर्स के यहां से गुणवत्ता जांच के लिये नमूना लेने व उर्वरक परीक्षण प्रयोगशाला को भेजने की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन की जाएगी।
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