खुले में शौच नहीं जाने के संबंध में घोषणा पत्र जरूरी, पंचायत आम चुनाव-2020, लोकसूचना जारी
खुले में शौच नहीं जाने के संबंध में घोषणा पत्र जरूरी
पंचायत आम चुनाव-2020, लोकसूचना जारी
छोटा अखबार।
प्रदेश में 8 जनवरी से पंच और सरपंच के पदों के लिए नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। आवेदन प्रस्तुत करने में किसी भी परेशानी से बचने के लिए आयोग ने विस्तृत तौर दिशा-निर्देश जारी कर दिए। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त पीएस मेहरा ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र, प्ररूप 4 घ, उपाबन्ध-1बी कार्यशील स्वच्छ शौचालय की घोषणा के प्रारूप आयोग द्वारा छपवाकर पर्याप्त मात्रा में जिला निर्वाचन अधिकारियों को उपलब्ध करवा दिए गए हैं। अभ्यर्थी द्वारा प्रथमतः आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रारूप रिटर्निंग ऑफिसर या उपखंड अधिकारी कार्यालय या जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय से प्राप्त कर प्रयुक्त किए जाएंं। यदि आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए प्रारूप उपलब्ध नहीं होते है, तो उनकी फोटो प्रति भी काम में ली जा सकती है। इसके अलावा टाइप किए हुए प्ररूप जिसमें सभी प्रविष्टियां यथारूप समाहित हो उनका भी उपसोग किया जा सकेगा। हस्त लिखित नामनिर्देशन पत्र एवं संलग्न पत्र स्वीकार्य नहीं होंगे।
मेहरा ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र की सभी प्रविष्टियां पूर्ण रूप से भरनी है और कोई भी कॉलम रिक्त नहीं रखना है। इसके अलावा विचाराधीन आपराधिक मामलों के संबंध में, आपराधिक प्रकरणों में दोषसिद्धी से संबंधित सूचना, संतान के संबंध में, सम्पत्ति के संबंध में सूचना प्रस्तुत करनी होगी। सरपंच पद के लिए उच्चतम न्यायालय के निर्णय के क्रम में न्यायालय में लंबित मामलों, परिसम्पतियों एवं देयता (ड्यूज) की सूचना प्राप्त किए जाने के लिए भरा जाना है। उक्त प्रारूप 50 रुपए के गैर न्यायिक स्टाम्प पेपर पर नाम निर्देशन पत्र के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।
उक्त शपथ पत्र न्यायाधीश या किसी न्यायिक या कार्यपालक मजिस्ट्रेट, या उच्च न्यायालय या सेशन न्यायालय द्वारा नियुक्त शपथ कमिश्नर या किसी नोटरी पब्लिक के समक्ष सम्यक रूप से प्रमाणित होना चाहिए। घर में कार्यशील स्वच्छ शौचालय तथा खुले में शौच नहीं जाने के संबंध में घोषणा पत्र या अंडरटेकिंग राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित प्रारूप में नाम निर्देशन पत्र के साथ भरकर जमा कराना आवश्यक है। इसे प्रमाणित करवाने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि उम्मीदवारों को विभिन्न विभागों से नो-ड्यूज प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। लेकिन यदि अभ्यर्थी के उपर संबंधित पंचायती राज संस्था की कर या फीस की राशि बकाया हो और उसको राशि जमा कराने का नोटिस दिये जाने की तिथि से 2 माह तक जमा नहीं कराई गई हो तो उसे उक्त राशि नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने से पूर्व जमा कराने का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई अभ्यर्थी पूर्व में किसी पंचायतीराज संस्था का सभापति या उप सभापति रहते हुए पंचायती राज संस्थाओं के बकायों को जमा कराने के संबंध में नोटिस तामील होने के पश्चात् भी दो माह में उक्त राशि जमा नहीं कराता है तथा निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने से कम से कम दो माह पूर्व राज्य सरकार द्वारा जारी व्यतिक्रमियों (डिफाल्टर) की सूची में उनका नाम शामिल हो गया है तो वह अयोग्य होगा परन्तु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करने से पूर्व उक्त राशि जमा कराने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने की दशा में अभ्यर्थी अयोग्य नहीं माना जाएगा।
आयुक्त ने बताया कि सरपंच पद का चुनाव लड़े जाने के लिए जमानत राशि सामान्य वर्ग के लिए निर्धारित शुल्क 500 रुपए है तथा महिला एवं अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए 250 रुपए है। यह राशि जमा करवाकर रसीद भी लगानी आवश्यक है।
यदि आरक्षित जाति का व्यक्ति सामान्य वार्ड से निर्वाचन हेतु नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो उक्त जमानत राशि में रियायत हेतु उसे अपना जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना आवश्यक होगा। उम्मीदवार को चरित्र प्रमाण पत्रसंलग्न किया जाना आवश्यक नहीं है जबकि अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़े वर्ग का कोई अभ्यर्थी आरक्षित वार्ड के लिए नाम निर्देशन पत्र प्रस्तुत करता है तो कलक्टर या राज्य सरकार द्वारा प्राधिकृत अधिकारी द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। अनुसूचित जाति, जनजाति या अन्य पिछड़े वर्ग कोई अभ्यर्थी साधारण वार्ड से चुनाव लड़ सकता है। पुरुष अभ्यर्थी महिला के लिए आरक्षित किसी वार्ड से नाम निर्देशन पत्र दाखिल करने का हकदार नहीं होगा। नाम निर्देशन पत्र के साथ सांख्यिकी सूचना के फार्म को भी चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों से भरवाया जाएगा। इसको प्रस्तुत नहीं करने पर नाम निर्देशन पत्र खारिज नहीं किया जाएगा, किन्तु यथासंभव इसको भरवाया जाना चाहिए ताकि चुनाव में खड़े होने वाले अभ्यर्थी के संबंध में सामान्य सूचनाएं उपलब्ध हो सके।
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