"शांति मार्च" के बाद अशोक गहलोत का सम्पूर्ण सम्बोधन

"शांति मार्च" के बाद अशोक गहलोत का सम्पूर्ण सम्बोधन


छोटा अखबार।
शांति मार्च में भाग लेने आए तमाम हमारे साथियों, भाइयों और बहनों। इस ऐतिहासिक जगह पर जहां महात्मा गांधी का सानिध्य मिला हम सबको, यहां से अल्बर्ट हॉल तक अभी तक रेला चल रहा हो उसको क्या कहेंगे, उसको क्या कहेंगे। ये समझना पड़ेगा मोदीजी को, ये समझना पड़ेगा अमित शाह जी को, ये तानाशाही और फासिस्ट प्रवृत्ति से देश नहीं चलता है। देश चलता है लोकतंत्र में प्यार से, मोहब्बत से, भाईचारे से। बहुमत से आप कानून बना सकते हो, पर बहुमत से लोगों का दिल नहीं जीत सकते हो।



सवाल इस बात का पैदा हो गया है, पूरे देश में आग लगी हुई है, 15 लोग तो खाली यूपी में मारे जा चुके हैं, 15 लोग किसे कहते हैं, आदमी का मरना किसे कहते हैं। 15 लोग खाली यूपी में और गोली खाली वहीं चली है जहां सरकार बीजेपी की है। पूना में 1 लाख लोग इकट्ठे हो गए, मुम्बई में हुए लाखों लोग इकट्ठे, आंध्रप्रदेश में हो गए हैदराबाद में, आज जयपुर में नजारा देखिए आप। मैं यहां खड़ा हूं मुझे जन सैलाब समंदर की तरह दिख रहा है। जो लोग आ रहे हैं अभी तक भी आ रहे हैं। लोग खड़े हैं, लोगों में जज्बा है देशप्रेम का, देश की एकता का, देश की अखंडता का, उसको कायम रखने का, जिसके लिए इंदिरा गांधी ने जान दे दी अपनी। खालिस्तान नहीं बनने दिया। इंदिरा गांधी ने मरने से पहले कहा था, हो सकता है मेरी जान चली जाएगी, अगर मेरी जान जाएगी तो मेरे खून का एक-एक कतरा इस देश को मजबूती प्रदान करेगा। वो जज्बा था जब राकेश शर्मा गए था अंतरिक्ष में, इंदिरा गांधी ने बात करी, आपको हिंदुस्तान कैसा दिखाई दे रहा है। तो राकेश शर्मा ने कहा, सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा। इस भावना से मुल्क चला 70 साल तक। 70 साल तक, जबसे ये मुल्क आजाद हुआ, त्याग हुए, बलिदान हुए, कुर्बानियां हुईं, महात्मा गांधी के सानिध्य में, पंडित नेहरू थे, सरदार पटेल थे, मौलाना आजाद थे, डॉ. अंबेडकर ने संविधान बनाया। 70 साल तक संविधान की परीक्षा हुई और संविधान खरा उतरा और आज देखिए आप, उस संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। संविधान के मर्म को समझने की कोशिश ही नहीं की जा रही है। एनआरसी और सीएए का क्या तुक है। असम का उदाहरण दिया गया आपको, असम में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में चल रहा है, एनआरसी का पूरा कैंपेन चला। अलग-अलग आंकड़े आ रहे हैं। 19 लाख लोगों को चिन्हित किया गया जिनके पास डॉक्यूमेंट नहीं थे, मालूम पड़ा 16 लाख हिंदू थे उसमें।



ये जो नया कानून बनाया है, नागरिता संशोधन कानून बनाया है, ये पूरे देशवासियों को, ये कोई खाली मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, पता कर लीजिए आप, असम में मिलने वाले होंगे आपके। असम के लोग आज, वहां पर पूरी प्रक्रिया अपनाई गई, लाइनों में खड़े हो गए, परेशानियां हुईं नोटबंदी की तरह, नोटबंदी में 150 लोग मारे गए थे कोई जवाब नहीं है सरकार के पास में। मोदीजी ने कह दिया, 50 दिन दीजिए भाइयों और बहनों मैं सब ठीक कर दूंगा, क्या ठीक कर दिया? न ब्लैक मनी खत्म हुई, न कालाधन आया, न फेक करेंसी खत्म हुई, आप सोच सकते हैं इस रूप में जो मोदीजी के नारे हैं वो काम नहीं आने वाले हैं और फिर चाहते हैं कि पूरा मुल्क लाइनों में लग जाए। और सब परिवार आकर के बताएं अपने बाप के, दादा के, परदादा के और इन लोगों को नाम याद हैं दादा परदादा के, दादा तक नाम याद रहता है लोगों को, अधिकांश लोगों को, बहुत कम लोग होंगे जो परदादा के नाम याद रख सकें। और आप डॉक्यूमेंट मांग रहे हो, कब से रह रहे हो आप लोग। कल मुझे एक पत्रकार मिला यहां पर टाइम्स ऑफ इंडिया का, उसने कहा, मेरा परिवार असम में 130 साल से रहते हैं। बड़ी मुश्किल से हमें 63 की वोटर लिस्ट में नाम मिल गया, मेरा परिवार बच गया वरना मेरा नाम भी एनआरसी में आ जाता। तो आप सोच सकते हो जिस प्रकार से नागरिकता संशोधन कानून पास किया गया है, ये लोगों को लाइनों में लगाने का काम करना चाहते हैं, क्या स्थिति बनेगी देश की। पूछा जाएगा, जलील किया जाएगा, इनके इरादे नेक नहीं हैं, ये लोग इस देश को हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, पारसी, जैन, बौद्ध सब धर्मों में बांटना चाहते हैं। इनको इस बात का अहसास नहीं है, जब मुल्क आजाद हुआ दो टुकड़े हो गए। कुछ सिरफिरे लोगों ने जिद पकड़ ली, धर्म के नाम पर पाकिस्तान बनेगा और पाकिस्तान बन गया धर्म के नाम पर तो, आप मुझे बताइए मुझे मोदीजी को और अमित शाहजी को, आप धर्म के नाम पर लोगों को बांटते हो, हिंदू धर्म के एजेंडे को आप लागू करना चाहते हो। इसलिए अब एक के बाद एक ये मैसेज देते हुए आप लोगों को राष्ट्रवाद की बात करते हो, क्या हम लोग राष्ट्रवादी नहीं हैं। आप धर्म की बात करते हो, आप सेना के पीछे छिपकर राजनीति करते हो, धारा 370 की बात करते हो, राम मंदिर की बात करते हो, और आप चाहते क्या हो आखिर में, क्या चाहते हो।


आपके आस—पास हो रही किसी भी घटना के समाचार, फोटो और वीडियो हमें भेजे। ई—मेल या वॉट्सएप नम्बर—9414816824 पर! आपकी खबरों को दिखाया जायेगा।
पाकिस्तान बना धर्म के नाम पर, मैं पूछना चाहता हूं मोदीजी से, मोदीजी से ये बताओ, आज बांग्लादेश जो पाकिस्तान था, पूरा पाकिस्तान एक था, 1 करोड़ शरणार्थी आ गए हमारे देश के अंदर, 1 धर्म के लोग रहते थे वहां पर मुसलमान, अगर धर्म के नाम पर मुल्क बना करते हैं, ये हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं, मैं कहना चाहूंगा उन लोगों को, तो फिर पाकिस्तान के दो टुकड़े क्यों हो गए। दो टुकड़े क्यों हो गए, दो देश क्यों बने? क्यों बांग्लादेश का उदय हुआ, जवाब है किसी के पास में। एक धर्म के लोग अलग हुए हिंदुस्तान से, मुल्क एक नहीं रह पाया, आज हिंदू धर्म की बात करते हैं। अरे आज से 40 साल पहले तो आवाजें उठती थीं दक्षिण से भी, हम अलग राष्ट्र बनाएंगे। तमिलिअन अलग बात करते थे, तो आप जानते हो कि खालिस्तान की मांग उठी थी, कितना बड़ा आतंक देखा गया वहां पर, कितने लोग मारे गए, रोज 50 लोग, 60 लोग, 40 लोगों की हत्याएं हो रही थीं। आपमें से कई लोगों को मालूम होगा किस प्रकार इंदिरा गांधी ने हिम्मत करी, अपनी जान की बाजी लगाकर वहां ब्लू स्टार ऑपरेशन किया, उसकी कीमत चुकानी पड़ी देश को, प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए इंदिरा गांधी को जान गंवानी पड़ी, उसकी परवाह नहीं करी उन्होंने, पर देश को एक रखा, अखंड रखा, ये भावना है देशप्रेम की भावना ये होती है। ये चाहते क्या हैं, देश को तोड़ना चाहते हैं। इनका एजेंडा, आरएसएस का और बीजेपी का क्या है, यही है, कॉमन सिविल कोड, धारा 370, राम मंदिर और आखिर में हिंदू राष्ट्र। कितने टुकड़े करना चाहते हो देश के आप।



रशिया हमारा मित्र राष्ट्र था, सुपर पॉवर थी दुनिया की, इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े किए, शरणार्थी आ गए 1 करोड़ हमारे देश की धरती पर, बंगाल की बॉर्डर पर, मुझे बचपन में मौका मिला जाने का वहां पर, शरणार्थियों के शिविरो में सेवा करने का, देखा मैंने उनकी क्या स्थिति थी। क्या मोदीजी चाहते हैं कि एनआरसी लागू करके आप शरणार्थी शिविर बनाएं। लोग शिविर में जाकर रहें वहां पर। हिंदू राष्ट्र का एजेंडा आपका पूरा हो, क्या आप देश को बचा लोगे। अरे हिम्मत चाहिए इंदिरा गांधी की तरह, देश को टूटने नहीं दिया, एक रखा अखंड रखा, आज आप चाहते हैं, हिंदू की बात करके फिर आप सभी धर्मों को लोगों को बांटना चाहते हो। बहुत खतरनाक खेल खेला जा रहा है। हर देशवासी को समझ में बात आ गई है, ये कोई मुसलमानों के खिलाफ खाली बात हो ऐसी बात नहीं है। ये सबके खिलाफ है, सबको लाइन में लगाएंगे, सबको जलील करेंगे, एहसान करेंगे अगर आप हिंदुस्तान में हिंदू हो, आपके पास में डॉक्यूमेंट नहीं हैं, हम आप पर दया दिखाएंगे, अब क्योंकि आप हिंदू हो इसलिए आपको शरणार्थी समझकर के नागरिकता दे देंगे, ये कानून बनाया है। अगर आप मुसलमान हो, डॉक्यूमेंट नहीं हैं तो आप जाइए यहां से, ये कानून बना है।
आज ये पूरा देश सड़कों पर है, उनके पसीने छूट रहे हैं, देख नहीं रहे आप लोग टीवी के अंदर क्या-क्या बोल रहे हैं। उनके पसीने आ रहे हैं। गृहमंत्रालय स्पष्टीकरण देता हुआ थक रहा है, बता रहे कुछ नहीं हैं, पूरे देशवासी के, किसी के खिलाफ नहीं है। आप बताइए आज ये स्थिति आपकी बन गई, तब भी आप ये कहने की हिम्मत नहीं कर रहे हो। अरे किस बात का घमंड है, अहम है आपके अंदर। ये लोकतंत्र है, जनता ने आपको चुनाव जिताकर भेजा है, आप राज कर रहे हो, हम तो विपक्ष में हैं। आपका धर्म कहता है अहम-घमंड छोड़कर के, देश पुकार रहा है, समय रहते ये आपका जो नागरिकता संशोधन कानून बना है इसको आप वापस लो। एनआरसी के लिए घोषणा करो, लागू नहीं होगी देश के अंदर। और जो लोग, अगर आपको लगे अवैध रूप से रह रहे हैं, अवैध घुसपैठिए हैं, देश के लिए खतरा हैं, आप उनके खिलाफ कार्रवाई करो। इस देश का हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, जैन, पारसी सब आपके साथ खड़ा रहेगा, कौन मना कर रहा है आपको। जो घुसपैठिए हैं, निकालो उनको। घुसपैठिए के नाम पर आप पूरे देश को लाइनों में खड़े करना चाहते हो ये हमें मंजूर नहीं होगा, ये मैं आपको कहना चाहता हूं।



लोग सड़कों पर खड़े हैं और देख रहे हो आप किस प्रकार से छात्रों ने आन्दोलन शुरु किया। किस प्रकार जामिया मिलिया इस्लामिया से शुरु हुआ। पूरे देश के छात्र चाहे वो हिंदू हैं चाहे मुसलमान हैं चाहे कोई जाति-बिरादरी का है, सब सड़कों पर क्यों आ गए। जो लोग समझ रहे हैं कानून को वो जानते हैं ये रवैया ठीक नहीं है लोकतंत्र के अंदर। इसलिए मैं कहना चाहूंगा, और मेरे पूर्व वक्ता बता रहे थे किस प्रकार से हमारे महापुरुषों ने क्या-क्या संदेश दिए, हम कहां ले जा रहे हैं देश को। स्वामी विवेकानंद की बात करते हैं, ये लोग अमरीकी संगठन में गए उस जमाने में, 150 साल पहले, तब कहा था, हिदुस्तान वो देश है जो पूरी दुनिया के जितने धर्म हैं, उन सब धर्मों को स्वीकारने वाला मुल्क कोई है तो वो हिंदुस्तान है। ये स्वामी विवेकानंद ने उस जमाने मे कहा था। जिनका नाम ये लेते हैं, ये गांधी का नाम लेते हैं और गोली चलवाते हैं लोगों पर, हिंसा करते हैं, क्या हो रहा है इस देश के अंदर ये सोचने की बात है।


आपके आस—पास हो रही किसी भी घटना के समाचार, फोटो और वीडियो हमें भेजे। ई—मेल या वॉट्सएप नम्बर—9414816824 पर! आपकी खबरों को दिखाया जायेगा।
मुझे खुशी है कि आज जिस रूप में सैलाब उमड़ पड़ा है, अभी तक देखिए आप लोग आ रहे हैं, मैं कहना चाहूंगा आपको, आप लोग जिस जज्बे के साथ आए हैं, सोशल मीडिया में आप लोगों ने हम लोगों ने आपको पुकार लगाई, मीडिया के माध्यम से मैंने आपको कहा कि आप सबको यहां आना है और आपने लाखों की तादाद में, कोई गिनती नहीं कर सकता। कोई 3 लाख कह रहा है कोई 4 लाख कह रहा है, अभी तक लोग आ रहे हैं अल्बर्ट हॉल से, रिपोर्ट आ रही है और शांति के साथ में आप लोग बैठे हुए हैं, झंडा तिरंगा आप लोगों के हाथ में जो राष्ट्रीय फ्लैग है, ये राष्ट्रीय झंडा है, इसकी रक्षा आपको करनी है, संविधान को बचाना है, संविधान की रक्षा करनी है। देश एक रहे अखंड रहे, ये जो बीज बो रहे हैं हिंदू राष्ट्र बनाने की बात कर-करके देश को तोड़ने के, उनको निस्तेनाबूत करना है, ये हममें जज्बा होना चाहिए। इसलिए मैं कहना चाहूंगा आपके हाथों में तख्तियां हैं वो संदेश बहुत भारी संदेश हैं। आपका मौन जुलूस निकला है।



जो गांधीजी कहा करते थे, मौन व्रत रखते थे, अहिंसा के रास्ते पर चलकर मुल्क को आजाद करवा दिया, वो ही जज्बा आज देखने को मिला। बिना नारों के, मौन जुलूस रखकर के तख्तियों के माध्यम से आपने संदेश दिया है बीजेपी को भी आरएसएस को भी।राज आज बीजेपी का नहीं है, राज आज आरएसएस का है। एक आरएसएस के प्रचारक जिनका नाम नरेंद्र मोदी है, वो देश के प्रधानमंत्री हैं। उनका एजेंडा वही पूरा करना है जो आरएसएस कहता है। बिना आरएसएस के पूछे हुए न मंत्री न मुख्यमंत्री बन सकता है। क्यों नहीं आरएसएस खुद ही अपने आपको राजनीतिक दल घोषित कर दे, मुकाबला करे हम लोगों से। विभिन्न राजनीतिक पार्टियां हैं, सबकी अपनी अपनी विचारधारा है, नीतियां हैं, कार्यक्रम हैं, सिद्धांत हैं। जनता तय करेगी किसको सत्ता सौंपनी है। इसमंर भी आप मुखौटा पहन रखा है बीजेपी राजनीतिक दल का, पॉलिटिकल पार्टी का, पीछे आप सोशल वर्क करते हो, 100-150 आपने संगठन बना रखे हैं, ताकत बटोरते हो विभिन्न वर्गों से और फिर आप ताकत उनको देते हो जो बीजेपी है। तो क्यों नहीं आप, बजाय संविधान के ऊपर सत्ता हो, जो मैं कहता हूं बार-बार एक्सट्रा कॉन्सटीट्यूशनल अथॉरिटी के रूप में राज कर रहे हो आइए मैदान के अंदर, तैयार हैं। हमारी कोई व्यक्तिगत दुश्मनी नहीं है किसी से भी। हमारी नीतियां, हमारे सिद्धांत, हमारे कार्यक्रम जो महात्मा गांधी के जमाने से चले आ रहे हैं और सफ़र तय 70 साल का करना कोई मामूली बात नहीं होती है। आज जो कुछ दिख रहा है देश को, जहां सुई नहीं बनती थी, बिजली क्या होती है लोग समझते नहीं थे, कहां के कहां पहुंच गए हो।राजीव गांधी शहीद हो गए आपने देखा उपमहाद्वीप में शांति स्थापित करना चाहते थे। एक तरफ जिस पार्टी को ये बार-बार जिस पार्टी को कोसते हैं 70 साल में क्या किया, ये 70 साल में मोदीजी आप प्रधानमंत्री बने, इसरो गए, मंगल ग्रह पर उपग्रह छोड़ा गया, आपने ऐसा मैसेज दिया कि मोदीजी 4 महीने में ही मंगल ग्रह बन गया है उपग्रह छोड़ा जा रहा है। ये चालें चलने वाली नहीं हैं। जनता समझ चुकी है आपकी चालों को, आपके राष्ट्रवाद को। आपका राष्ट्रवाद खोखला है, असली राष्ट्रवादी ये लोग हैं जो आज इस रैली में आए हैं ये मैं दावे के साथ कह सकता हूं। जिस शांति के साथ में, भाईचारे के साथ में प्रेम से मोहब्बत से सभी जाति, सभी धर्मों के लोग आए हैं।
मैं लंबी बात नहीं कहते हुए आपसे दो अपील करना चाहूंगा, रैली बहुत कामयाब रही, रैली में आप 4 लाख लोग हो 5 लाख लोग हो, वो बात नहीं है। आज 7 करोड़ जनता राजस्थान की, उन सबकी भावना आपके साथ जुड़ी हुई है। रैली इस रूप में आपको मानना चाहिए
नंबर एक और आप सबको बधाई जिस रूप में आपने रैली को कामयाब किया।
नंबर दो जो आपके हाथ में झंडा है वो राष्ट्रीय ध्वज है। उसको आपको उसी रूप में वापस ले जाना है यहां से जिस रूप से आपके हाथ में है, उसी ढंग से आप अपने पास रखें, घरों में रखें, घरों में लगाएं, उसकी रक्षा करने का धर्म आपका बनता है।


आपके आस—पास हो रही किसी भी घटना के समाचार, फोटो और वीडियो हमें भेजे। ई—मेल या वॉट्सएप नम्बर—9414816824 पर! आपकी खबरों को दिखाया जायेगा।
और नंबर 3 जब आप यहां से जाएं तो कृपया करके जिस रूप में आए हो उस रूप में आप शांति के साथ जाएं, जिस रूप में आप उत्साह के साथ जाएं और संकल्प लेकर के जाएं कि जिस प्रकार हम अपने देश की एकता के लिए, अखंडता के लिए जितनी बड़ी कुर्बानी, त्याग, बलिदान की आवश्कता होगी हम तैयार रहेंगे। राजस्थान गवर्नमेंट में कह दिया है हमने राजस्थान में न नागरिकता संशोधन कानून और न एनआरसी लागू होने वाली है ये मैं कह चुका हूं खुले रूप में कह चुका हूं।
अरे मोदी जी सुनो, मोदीजी सुनना चाहिए आपको क्योंकि 8-9 राज्य कह चुके हैं, आपके खुद के जो पार्टनर हैं बिहार के मुख्यमंत्री हों, उड़ीसा के मुख्यमंत्री हों जिन्होंने पार्लियामेंट में आपका साथ दे दिया होगा गलतफहमी में, आज वो कह रहे हैं हम एनआरसी लागू नहीं करेंगे। तो आपको समझ जाना चाहिए समय रहते हुए मोदीजी, आपको जनभावना समझकर के फैसला करना चाहिए और घोषणा करनी चाहिए हम आज वर्तमान रूप में एनआरसी लागू नहीं करेंगे और न नागरिकता संशोधन कानून लागू करेंगे। ये बात कहता हुआ मैं अपनी बात समाप्त करता हूं।
आयोजकों को हमारे प्रतापसिंह जी खाचरियावास, महेश जोशी, रघु शर्मा, हरीश चौधरी जी, जितने लोग हमारे साथ लगे रहे लालचंद कटारियाजी, सबने मिलकर के, टाइम बहुत कम था, जिनको जो जिम्मेदारी सौंपी गई, नाम लेना भूल गया होऊंगा किसी का, सबने मिलकर के सब पार्टी के लोगों से संपर्क किया। मैं उनका आभारी हूं हमारे आह्वान पर, तमाम यहां साथी बैठे हुए हैं, मेरे पास शब्द नहीं हैं कि मैं उनको धन्यवाद दूं। सब लोग आए और दिखा दिया पूरे देश को, जो काम यूपी के मुख्यमंत्री को सबसे पहले करना चाहिए था, गोली चलाई 15 लोग मारे गए वहां पर, आज राजस्थान में आप सबके सहयोग से संभव हुआ उसके लिए तमाम पॉलिटिकल पार्टियों के नेताओं का आभारी हूं। मैं आप सबको बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं।
धन्यवाद, जयहिंद, धन्यवाद।  


Comments

Popular posts from this blog

देश में 10वीं बोर्ड खत्म, अब बोर्ड केवल 12वीं क्‍लास में

आज शाम 7 बजे व्यापारी करेंगे थाली और घंटी बजाकर सरकार का विरोध

सरकार का सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग फेल, रुपयों में छपवानी पड़ रही है, बजट घोषणा की प्रेस विज्ञप्ती

रीको में 238 पदों की होगी सीधी भर्ती सरकार के आदेश जारी 

मौलिक अधिकार नहीं है प्रमोशन में आरक्षण — सुप्रीम कोर्ट

Chief Minister मुख्यमंत्री के विभाग डीआईपीआर में खेला

10वीं और 12वीं की छात्राओं के लिऐ खुशखबरी, अब नहीं लगेगी फीस