संघ का उद्देश्य एकजुट समाज का निर्माण करना है — मोहन भागवत 

संघ का उद्देश्य एकजुट समाज का निर्माण करना है — मोहन भागवत 


छोटा अखबार।
देश के ज़्यादातर हिस्सों में आज नागरिकता संशोधन क़ानून को लेकर विरोध हो रहे हैं। एनआरसी को देशभर में लागू करने को लेकर भी विवाद है और कई राज्य इसे अपने यहां लागू करने से मना भी कर चुके है।


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ये सारे विवाद अभी चल ही रहे हैं और इन्हीं सबके बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने बुधवार को एक कार्यक्रम में कहा कि हिंदू समाज देश की एकता के लिए हिंदू तरीक़े से समाधान खोजने में सक्षम है।मोहन भागवत ने रवींद्र नाथ टैगोर के स्वदेशी सभा निबंध ​​का उल्लेख करते हुए कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच कुछ अंतर्निहित विरोधाभासों के बावजूद हिंदू समाज राष्ट्र को एकजुट करने के लिए हिंदू तरीक़े से समाधान खोजने में सक्षम है। यह हिंदू विचार प्रक्रिया है और हमारे सांस्कृतिक मूल्य हिंदू जीवन शैली को परिभाषित करते हैं। भागवत ने कहा कि धर्म और संस्कृति के इतर जिन लोगों की भावना राष्ट्रवादी है। जो लोग भारत की संस्कृति और विसारत का सम्मान करते हैं और आरएसएस देश के 130 करोड़ लोगों को हिंदू मानता है। यह पूरा समाज हमारा है और संघ का उद्देश्य ऐसे ही एकजुट समाज का निर्माण करना है। मोहन भागवत ने सरूरनगर स्टेडियम में आयोजित हुए विजय संकल्प शिविर में यह भाषण दिये। 


 


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