महिलाओं को एक करोड़ रूपए तक का ऋण मिलगा - मुख्यमंत्री
महिलाओं को एक करोड़ रूपए तक का ऋण मिलगा - मुख्यमंत्री
छोटा अखबार।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को महिला सशक्तीकरण को समर्पित एक हजार करोड़ रूपए की इंदिरा महिला शक्ति (आई एम शक्ति) निधि की योजनाओं का शुभारम्भ किया। पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के नाम पर महिलाओं को सशक्त बनाने की सोच के साथ राज्य सरकार ने यह पहल की है। महिला स्वयं सहायता समूहों तथा महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए इस निधि से एक करोड़ रूपए तक का ऋण मिल सकेगा।
गहलोत ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी का भी सपना था कि महिलाओं को बराबरी का हक मिले और सत्ता में उनकी भागीदारी बढ़े। उनके प्रयासों से संविधान का 73वां एवं 74वां संशोधन हुआ और महिलाओं को गांव की सरपंच से लेकर पंचायत समिति प्रधान एवं जिला प्रमुख बनने का अवसर मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ रही है। महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में हमारी सरकार ने कई कदम उठाए हैं। आई एम शक्ति निधि उसी दिशा में एक अनूठी पहल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बालिका शिक्षा निःशुल्क कर दी है। हम सभी का यह फर्ज है कि कोई भी बालक-बालिका शिक्षा से वंचित नहीं रहे। उन्होेंने आई एम शक्ति निधि के तहत संचालित योजनाओं के शुभारम्भ पर प्रदेशभर की महिलाओं को बधाई दी और कहा कि राज्य सरकार उनके सशक्तीकरण के लिए हर संभव कदम उठाएगी और योजना मेें जरूरत पड़ने पर फण्ड और बढ़ाया जा सकेगा।
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महिला एवं बाल विकास विभाग के सचिव डॉ. के.के. पाठक ने इंदिरा महिला शक्ति निधि के माध्यम से प्रदेश की महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये प्रारंभ की गई पांच विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस निधि से उद्यम के लिए ऋण अनुदान के तहत पांच हजार महिला स्वयं सहायता समूहों यानी इससे जुड़ी करीब 50 हजार महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। इंदिरा महिला शक्ति प्रशिक्षण एवं कौशल संवद्र्धन योजना के तहत 75 हजार महिलाओं एवं बालिकाओं को निःशुल्क कंप्यूटर प्रशिक्षण, इंदिरा महिला शक्ति लेखा प्रशिक्षण योजना के तहत 5,000 महिलाओं को लेखांकन का प्रशिक्षण जैसी गतिविधियों का संचालन भी होगा। इंदिरा महिला शक्ति शिक्षा सेतु योजना के तहत ड्रॉपआउट बालिकाओें और शिक्षा से वंचित रही महिलाओं को राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल के माध्यम से पढ़ाई के लिए फीस का पुनर्भरण किया जाएगा। इसका लाभ 50 हजार बालिकाओं और महिलाओं को मिलेगा। इंदिरा महिला शक्ति कौशल सामथ्र्य योजना में भी 10 हजार महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
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