कैब को लेकर असम में हालात बेक़ाबू, गुवाहाटी में कर्फ़्यू
कैब को लेकर असम में हालात बेक़ाबू, गुवाहाटी में कर्फ़्यू
छोटा अखबार।
गरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के ख़िलाफ़ दिन भर चले प्रदर्शन व आगज़नी के बाद गुवाहाटी में शाम सवा छह बजे कर्फ़्यू लगा दिया गया। इससे पहले पूरे दिन चले प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित लोगो को क़ाबू करने में पुलिस को काफ़ी मशक़्क़त करनी पड़ी। इस दौरान कुछ जगहों पर पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया और आँसू गैस के गोले छोड़े। इसके बावजूद प्रदर्शनकारियों की कई टुकड़ियां शहर के अलग-अलग इलाक़ों में सड़कों पर निकलती रहीं। लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के ख़िलाफ़ नारे लगाए।दर्शन के दौरान कुछ इलाक़ों में फ़ायरिंग की आवाज़ें भी सुनी गईं।
गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार के अनुसार प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद पुलिस को कर्फ़्यू का निर्णय लेना पड़ा। यह अनिश्चितकाल तक जारी रहेगा। हमने दिन में लोगों को समझाने की कोशिशें की थी, लेकिन लोगों का विरोध हिंसक होने लगा। इसके बाद हमारे पास कर्फ़्यू के अलावा और कोई विकल्प नहीं था। हमें देर शाम कुछ इलाक़ों में गोलियां चलाए जाने की सूचनाएं मिलीं। इसके बाद मौक़े पर पहुंची पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित कर लिया। हालांकि, फ़ायरिंग में किसी के भी जख़्मी होने की सूचना नहीं है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हम लोग लॉ एंड ऑर्डर क़ाबू में करने की कोशिश कर रहे हैं। ज़रुरत पड़ने पर सेना और अर्द्धसैनिक बलों को भी तैनात किया जा सकता है।
स्टूडेंट्स आर्गनाइज़ेशन ने किया बंद का आह्लान!
लोकसभा में कैब पास होने के ख़िलाफ़ नार्थ इस्ट स्टूडेंट्स आर्गनाइज़ेशन (नेसो) ने 10 दिसंबर को पूर्वोत्तर बंद का आह्वान किया था। तब असम, त्रिपुरा, मेघालय समेत पूर्वोत्तर के तमाम राज्यों में 11 घंटे तक बंद रहा। इस बंद को ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और ऑल असम गोरखा स्टूडेंट्स यूनियन समेत तमाम संगठनों का समर्थन हासिल था। बंद के दौरान असम के गुवाहाटी, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, जोरहाट के साथ ही शिलांग (मेघालय) और त्रिपुरा के विभिन्न शहरों में पूर्ण बंद रही. शाम होने के बाद ही लोग सड़कों पर निकल सके. तब दुकानें भी खुल गईं. प्रशासन को लगा कि स्थिति नियंत्रण में आ चुकी है।
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